वो पहली बारिश की बूंदों की तरह
वो गीली मिट्टी की खुशबू की तरह
वो सीने में धड़कते दिल की तरह
एक पहले एहसास की तरह हो तुम
आओ ले चालू तुम्हे मै कहीं दूर
इस पिंजरे से पहाड़ियों की वादियों में कहीं
जहा हर सुबह चिड़ियों की चेचाहट हो
तुम मुस्कुराओ खिले हुए फूल की तरह
और नाचो तितलियों की तरह
जहा चित भी तुम्हारी हो जहा पत भी तुम्हारा हो
ये गगन तुम्हारा ख्वाब हो, हर दिशा तुम्हारे साथ हो
मै हार जाऊ अपना सब बस तुम्हारे नैनो में खुशी की सौगात हो ।
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